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जानिए सभी का गोत्र कश्यप क्यों है?
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परम शिव + परम शक्ति→ सदाशिव
सदाशिव + दुर्गा→ब्रह्मा, विष्णु, शिव
ब्रह्मा→सनक,सनंदन,सनातन,सनतकुमार।
ब्रह्मा→(११रुद्र) मन्यु, मनु,महिनस,महान, शिव,ऋतध्वज,उग्ररेता,भव,काल,वामदेव, घृतव्रत
ब्रह्मा → मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलस्य,पुलह,कृतु,भृगु, वशिष्ठ, दक्ष,नारद आदि दस पुत्रों को जन्म दिया।
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मरीचि + सन्भूति → कश्यप
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(१) कश्यप + अदिति → १२ आदित्य (पुत्र)
(२) कश्यप + दिति → हिरण्याक्ष + हिरण्यकशिपु(पुत्र)
(३) कश्यप + दनु → दानव गण
(४) कश्यप + अरिष्टा → गन्धर्व गण
(५) कश्यप + सुरसा → विद्याधर गण
(६) कश्यप + खसा → यक्ष, राक्षस
(७) कश्यप + सुरभि → गौओं को जन्म।
(८) कश्यप + विनता → गरुण(विष्णु सारथी), अरुण(सूर्य सारथी)
(९) कश्यप + ताम्रा→ घोड़ा, ऊँट,गदहा, हाथी, गवय,मृग
(१०) कश्यप + क्रोधवशा→ सभी दुष्ट जीवों को जन्म।
(११) कश्यप + इरा → वृक्ष, लता, वल्ली,सन ।
(१२) कश्यप + कद्रू → दंद, शूक,इत्यादि सभी सर्प।
(१३) कश्यप + मुनि → अप्सराओं को जन्म।
अतः जिसको अपना गोत्र न मालुम हो वो कश्यप गोत्र बोल सकतें हैं।
Mani Jat Bhamti aahe gotra sangushkata ka